मुझ पर राज्य के किसानों और जवानों दोनों के हितों के संरक्षण की जिम्मेदारी: कृषि मंत्री गणेश जोशी
कृषि, उद्यान, ग्राम्य विकास तथा सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रचार रथों को हरी झण्डी दिखा कर राज्य के सभी जनपदों को रवाना किया। 1 से 7 जुलाई तक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तीसरे सप्ताह को विशेष प्रचार सप्ताह के तौर पर मनाया जा रहा है।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में हमारी सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य के किसानां की फसलों को कीट बीमारियों, सूखा, अतिबृष्टि इत्यादि प्राकृतिक आपदाओं से फसल जोखिम को कम करने के लिए उनकी फसलों को बीमा कवर की सुविधा दी जा रही है।
कृषि मंत्री ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने कहा था जय जवान जय किसान। मेरी जिम्मेदारी है कि मैं जवानों और किसानों दोनों के हितों को संरक्षित करुं। हमारी सरकार किसानों के उत्पादन तथा उनकी आय को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। राज्य में दो बीमा एजेंसियां एसबीआई जनरल इंश्योरेंस (एसबीआई जीआई) और एग्रीकल्चर इंश्योरेशन कम्पनी ऑॅफ इंडिया (एआईसी) काम कर रही है। 2016 से अब तक राज्य के 12 लाख 46 हजार किसानों को बीमित किया जा चुका है। जिसमें से 4 लाख 93 हजार किसानों को 410.01 करोड़ की बीमा लाभ दिया जा चुका है।
कृषि निदेशक गौरीशंकर ने बताया कि मौसम खरीफ 2016 से कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार प्रदेश के समस्त जनपदों में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलायी जा रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कृषि विभाग द्वारा संचालित की जा रही है। पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना उद्यान विभाग द्वारा संचालित की जा रही है।
कृषि मंत्री की अपील
आज सभी जनपदों के लिए विशेष प्रचार – प्रसार वाहन यहां से रवाना किए जा रहे हैं। मैं राज्य के किसानों से अपील करता हूं कि आगामी 15 जुलाई तक अपनी किसी भी नजदीकी बैंक, सीएससी के माध्यम से या प्रधानमंत्री फसल बीमा पोर्टल से ऑनलाईन आवेदन कर फसल बीमा योजना का लाभ लें।
इन फसलों को दिया जा रहा है बीमा कवर
योजना में 17 फसलें शामिल की गई हैं। जिसमें से कृषि विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत चार फसलों धान, मण्डुवा, गेहूं एवं मसूर को सम्मिलित किया गया है। पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अन्तर्गत खरीफ में आलू, अदरक, टमाटर, मिर्च, फ्रैंचबीन तथा रबी में सेव, आड़ू, माल्टा, संतरा, मौसमी, आम, लीची, आलू, टमाटर एवं मटर को सम्मिलित किया गया है।