शिक्षा

पलायन एवं बढ़ती बेरोजगारी की समस्या से निपटने में सहायक होगा एमबीए ग्रामीण प्रबंधन एवं उद्यमिता विकास पाठ्यक्रम

नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय के स्ववित्तपोषित संस्थान आईपीएसडीआर में सोमवार को प्रेस वार्ता आयोजित की गई। जिसमें संस्थान की उपलब्धियों एवं नवीन प्रयासों के सन्दर्भ में जानकारी प्रदान की गई। इस दौरान संस्थान के निदेशक प्रो रजनीश पांडेय,वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक डॉ. प्रदीप जोशी व विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी व कंप्यूटर प्रोग्रामर केके पांडेय द्वारा सम्बोधित किया गया। प्रेस-वार्ता में संस्थान के निदेशक प्रो रजनीश पांडेय ने बताया कि आज आवश्यकता इस बात की है कि हमारे युवावर्ग एक सफल उधमी का सपना संजोए और रोजगार के लिए दूसरों की ओर न देखे बल्कि खुद दूसरों को रोजगार देने वाले बनें। ग्रामीण भारत में उद्यमों के सक्रिय प्रोत्साहन के साथ ही पलायन एवं बढ़ती बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए संस्थान द्वारा महात्मा गाँधी नेशनल कौंसिल ऑफ़ रूरल एजुकेशन, हैदराबाद के सहयोग से एमबीए ग्रामीण प्रबंधन एवं उद्यमिता विकास पाठ्यक्रम का सञ्चालन किया जा रहा है। देवभूमि उत्तराखंड में कुमाऊं विश्वविद्यालय एकमात्र विश्वविद्यालय है जिसमें इस तरह के पाठ्यक्रम का सञ्चालन किया जा रहा है।आगे पढ़ें

निदेशक प्रो. पांडेय ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के वैश्वीकरण एवं उदारवादी होने के परिणामस्वरूप व्यावसायिक रूप से प्रशिक्षित युवा प्रबन्धकों की बढ़ती माँग को देखते हुए संस्थान द्वारा बीते 5 वर्षों से एमबीए एग्जीक्यूटिव पाठ्यक्रम का सञ्चालन किया जा रहा है। वर्किंग एक्जीक्यूटिव्स के लिए संचालित किये जा रहे इस पाठ्यक्रम के लिए प्रवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह पाठ्यक्रम 24 महीने की अवधि का है और किसी भी विषय से स्नातक, साथ में ग्रेजुएशन के बाद न्यूनतम दो साल का पूर्णकालिक अनुभव रखने वाले अभ्यर्थी इस पाठ्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम इस तरह से डिजाइन किया गया है कि कंपनियां चाहें, तो अपने कर्मचारियों को प्रायोजित कर सकती हैं, क्योंकि इससे न सिर्फ कर्मचारियों के कौशल में बढ़ोतरी होगी, बल्कि उन्हें अपने साथ जोड़े रखने और उन्हें निरंतर प्रेरित करने में भी मदद मिलेगी।आगे पढ़ें

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वरिष्ठ सहायक प्राध्यापक डॉ० प्रदीप जोशी ने कहा कि आईपीएसडीआर में हमारा सम्मिलित प्रयास रहता है कि शिक्षार्थियों को समाज और देश की समस्याओं के लिए प्रबुद्ध, जागरूक, जानकार और सक्षम बनाया जा सके ताकि छात्र समस्याओं के सशक्त समाधान ढूंढ कर और उन समाधानों को कार्यान्वित करके एक प्रगतिशील, उत्पादक और समृद्ध राष्ट्र का प्रतिनिधित्व कर सकें। संस्थान द्वारा छात्रों में गुणवत्ता पूर्ण जानकारियों के आदान प्रदान हेतु विभिन्न क्लबों के माध्यम से गतिविधियां कराई जाती है जिससे कि एक स्वतंत्र माहौल में शिक्षकों का संबंध विद्यार्थियों के मार्गदर्शक और संरक्षक के रूप में भी हो। डॉ. जोशी ने बताया कि विषयों को पढ़ाने के लिये अध्ययन प्रणाली में व्याख्यान, केस चर्चा, अभ्यास कार्य, सेमिनार, रोल प्ले, मैनेजमेन्ट गेम्स, एसाइन्‍मेंट्स, टर्म पेपर्स, परियोजना कार्य, दृश्य-श्रव्य साधन तथा कम्प्यूटर आधारित अध्ययन विधियां को सम्मिलित किया गया है।आगे पढ़ें

मीडिया प्रभारी व कंप्यूटर प्रोग्रामर केके पांडेय द्वारा बताया गया कि विद्यार्थियों के सर्वागीण विकास एवं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मार्गदर्शन करने के लिए विश्वविद्यालय में प्रतियोगी परीक्षा सेल का गठन किया है। उन्होंने बताया कि न्यूनतम फीस में आईपीएसडीआर द्वारा एमबीए ग्रामीण प्रबंधन एवं उद्यमिता विकास, एमबीए एग्जीक्यूटिव एवं बीबीए पाठ्यक्रम का सञ्चालन किया जा रहा है। सभी पाठ्यक्रम व्यवसाय प्रबंधन के संबंध में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं और इसे इस तरह तैयार किया गया है कि इसके माध्यम से छात्र प्रोफेशनल ग्रोथ, लीडरशिप और स्ट्रेटेजी बनाने में कुशलता हासिल कर सकें। इस दौरान संस्थान के शिक्षक डॉ सारिका जोशी,डॉ, वैशाली बिष्ट, डॉ,विनोद जोशी,लता पांडेय, अभिलाषा साह आदि मौजूद रहे।

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