वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी पर्व का विधान है।धार्मिक मान्यतानुसार मोहिनी एकादशी का उपवास रखने मात्र से ही जातक मोह माया के बंधन से मुक्त हो जाता है और मोक्ष प्राप्त करता है। वैशाख शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि को भगवान विष्णु ने मोहिनी स्वरूप धारण किया था इसीलिए इस एकादशी को मोहिनी एकादशी के नाम से ही जाना जाता है। समुद्र मंथन से निकले हुए अमृत को देवताओं में वितरित करने हेतु भगवान विष्णु ने मोहिनी स्वरूप धारण किया। जिससे देवासुर संग्राम में राक्षसों की पराजय हुई देवताओं का अधिकार पुनः स्वर्ग पर स्थापित हुआ। श्री हरि विष्णु के मोहिनी स्वरूप के कारण ही यह कार्य संपन्न हो सका इसलिए मोहिनी एकादशी की महत्ता अत्यधिक बढ़ जाती है। मानसिक विकारों,सभी प्रकार के कष्टों, रोगों पर विजय प्राप्त करने हेतु मोहिनी एकादशी का उपवास अति उत्तम है।एकादशी मुहूर्तएकादशी तिथि प्रारंभ 30 अप्रैल 2023 रात्रि 8:30 से 1 मई 2023 रात्रि 10:11 पर समाप्त।व्रत पारण 2 मई 2023 प्रातः 5:40 से 8:19 तक। पूजा विधि ब्रह्म मुहूर्त में जाग कर संपूर्ण घर को स्वच्छ करने के उपरांत स्नानादि करें। उपवास का संकल्प लें पूजा स्थल पर गंगाजल से छिड़काव करें। घी के दीपक से अखंड ज्योत प्रज्वलित करें। चौकी पर पीला आसन बिछाकर भगवान विष्णु की प्रतिमा को स्नान के उपरांत स्थापित करें।भगवान विष्णु को पीतांबर धारण करवाएं एवं रोली, कुमकुम,धूप, पीले पुष्प, अर्पित करें, भगवान विष्णु को पंचमेवा, पंच मिठाई, पंच फल, पंचामृत, पीले लड्डू नैवेद्य स्वरूप अर्पित करें। केले के वृक्ष पर हल्दी डालकर जल अर्पित करें चने व गुड़ का भोग लगाएं। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें एवं 11घी की बत्ती जला कर भगवान विष्णु की आरती करें। किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न, वस्त्र दक्षिणा इत्यादि अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान करें।ज्योतिषाचार्य डॉ मंजू जोशी8395 806 256
एक मई:मोहिनी एकादशी पर विशेष:ज्योतिषाचार्य डॉ मंजू जोशी
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