आतंकियों से लोहा लेने के साथ ही एसपीओ को भी बचाया था
सेना मेडल देते वक्त सेना की ओर से बताया गया कि पंपोर में घेराबंदी और तलाशी अभियान दल में शामिल राहुल रैंसवाल ने आतंकवादी को गोली मारकर नीचे गिराया था. भीषण गोलीबारी के दौरान सिपाही राहुल के साथ विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) भी फंस गए. राहुल ने गोली लगने से घायल विशेष पुलिस अधिकारी को सुरक्षित निकाला. इसी बीच आतंकियों की ताबड़तोड़ गोलीबारी में एक गोली राहुल के सीने में लगी और वे शहीद हो गए लेकिन अपने सर्वोच्च बलिदान से पहले राहुल ने आतंकियों पर पलटवार कर अदम्य साहस का परिचय दिया था.
इसी अदम्य साहस के लिए राहुल को मरणोपरांत सेना मेडल से नवाजा गया है. पंपोर में 21 जनवरी, 2020 को आतंकियों से लड़ते हुए राहुल शहीद हुए थे. बताते चलें पुलवामा जिला दक्षिणी कश्मीर के पंपोर में दो वर्ष पहले शहीद हुए चंपावत के राहुल रैंसवाल को मरणोपरांत सेना मेडल दिया गया है. राष्ट्रीय राइफल्स की 50वीं बटालियन की ओर से उत्तरी कमान मुख्यालय उधमपुर में 15 मार्च को हुए कार्यक्रम में अदम्य बहादुरी दिखा शहीद हुए राहुल के पिता अर्द्ध सुरक्षा बल के पूर्व जवान वीरेंद्र सिंह रैंसवाल और मां हरू देवी ने शहीद राहुल का मेडल और प्रशस्ति पत्र प्राप्त किया. लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शहीद के माता-पिता को यह मेडल प्रदान किया. द्विवेदी ने कहा कि राहुल ने देश के लिए अदम्य साहस, दृढ़ संकल्प और सर्वोच्च बलिदान का प्रदर्शन किया.