काँग्रेस मुख्यालय स्वराज भवन हल्द्वानी में प्रो ललित तिवारी, प्रो संजय टम्टा, डॉ विजय कुमार, डॉ नन्दन सिंह बिष्ट, डॉ ललित मोहन,डॉ प्रदीप कुमार एवं कुमाऊँ विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के पूर्व सदस्य डॉ सुरेश डालाकोटी को पूर्व मन्त्री एवं पूर्व काँग्रेस अध्यक्ष यशपाल आर्या एवं केन्द्रीय सचिव एवं सह प्रभारी त्रिपुरा,मिजोरम, मेघालय सजरिता ने काँग्रेस की सदस्यता दिलायी।
बता दे कि कि प्रो ललित तिवारी सामाजिक कार्यकर्ता, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, कुशल वक्ता के साथ काँग्रेस के पूर्व बुद्धिजीवि प्रकोष्ठ पूर्व उपाध्यक्ष, पूर्व प्रदेश प्रवक्ता रह चुके है। डॉ विजय कुमार बुद्धिजीवि प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष रह चुके है। डॉ ललित मोहन काँग्रेस बुद्धिजीवि प्रकोष्ठ के मण्डलीय सचिव रह चुके है। डॉ प्रदीप कुमार कूटा के उपसचिव है।
इन सभी ने भारतीय जनता पार्टी से काँग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। डॉ नन्दन सिंह बिष्ट अर्थशास्त्र के साथ सामाजिक कार्यकर्ता हैं।इतिहासकार प्रो संजय टम्टा कुमाऊँ विश्विद्यालय शिक्षक महासंघ के साथ-साथ बसपा से अल्मोड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव भी लड़ चुके है तथा शिक्षक हितों तथा समाज के हित के लिए क्रियाशील रहते है।
कुमाऊँ विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के कई बार सदस्य रह चुके है। डॉ सुरेश डालाकोटी पूर्व छात्र संघ उत्तराखंड क्रांति दल के प्रदेश महासचिव , उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी एवं कालाढूंगी विधानसभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव भी लड़ चुके है। स्वराज भवन आज के कार्यक्रम में सभी को फूलमाला एवं काँग्रेस का प्रतीक चिन्ह पहनाकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर श्री यशपाल आर्या जी ने कहा कि बुद्धिजीवि के आने से काँग्रेस को एक नई ताकत मिली है और काँग्रेस निश्चित रूप से प्रदेश में 2022 में सरकार बनायेगी।
प्रो ललित तिवारी ने कहा की कांग्रेस विकास को समर्पित पार्टी है। और उत्तराखंड के विकास में कांग्रेस का कोई विकल्प नही।
डॉ सुरेश डालाकोटी ने कहा लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए काँग्रेस को जीतना जरूरी है। कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष सतीश नैनवाल, पूर्व विधायक संजीव आर्या, विधायक प्रत्याशी सुमित हृदेश ने सभी का स्वागत करते हुये मजबूत काँग्रेस को जीत ने का आवाहन किया।
नगर अध्यक्ष अनुपम कबड़वाल, हिमांशु पाण्डे, भुवन तिवारी, हुकम सिंह कुँवर, खजान पाण्डे, राहुल चिमवाल आदि मौजूद रहे।
प्रोफेसर ललित तिवारी सहित कई बुद्धिजीवियों ने ली कांग्रेस की सदस्यता
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