देवभूमि उत्तराखंड में फूलदेई त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है इस दिन के अवसर पर नन्हे मुन्ने बच्चे अपनी थाली में फूल और चावल लेकर देहली पूजन के लिए घर घर जाते हैं और यह गीत गुनगुनाते हैं।फूलदेई छम्मा देई ,जो भी दिया वही सही ।दैंण द्वार ,भरी भकार।य देई कैं बार-बार नमस्कार । आगे पढ़ें
इसके साथ ही वे उस घर की सुख और समृद्धि की मनोकामना करते हैं।घर की ग्रहणी के द्वारा भी उन्हें चावल, गुड, मिष्ठान,भेंट इत्यादि प्रदान किया जाता है।
विभिन्न घरों से प्राप्त चावल का मीठा हलवा स्थानीय भाषा में जिसे साई या सै कहते हैं बनाया जाता है।
आज ही से भिटौली का महीना भी प्रारंभ हो जाता है।
नरसिंह मल्ला कमलुआगांजा में राधिका भट्ट तथा हर्ष विहार कुसुमखेड़ा में पूनम कांडपाल के घर में देहली पूजन के लिए आए बच्चों को गुड मिष्ठान इत्यादि दिया गया । इस अवसर पर श्रेया भट्ट ,नव्या, सांची, रितिशा, गौरव, तन्मय, गर्वित, गोपाल भट्ट , गौरीशंकर काण्डपाल ,प्रणव काण्डपाल आदि उपस्थित रहे।