
बागेश्वर। बुधवार को नेताप्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कपकोट में आपदा ग्रस्त क्षेत्र का भ्रमण किया, इस दौरान आपदापीड़ित परिवारों से मुलाकात की। प्राकृतिक आपदा न केवल भौतिक नुकसान का कारण बनी है, बल्कि प्रभावित परिवारों के लिए गंभीर मानसिक और भावनात्मक आघात भी लेकर आई है।मुआवजे और पुनर्वास पर सरकार की नीति अभी तक स्पष्ट नहीं है। स्थानीय लोग अपने भविष्य को लेकर असंतोष और आशंका से घिरे हुए हैं। सूबे के पर्वतीय क्षेत्रों में जन-जीवन पटरी से उतर चुका है ,प्रभावितों ने बताया आपदा सहायता के तौर पर जो मुआवजा दिया जा रहा है, वो काफी कम है, उससे व्यक्ति को कोई लाभ नहीं हो रहा है. पूरे क्षेत्र में जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है।आपदा पीड़ितों के पुनर्वास , मुआवजे की बात अभी भी दूर की कौड़ी है. पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि उनका बहुत नुकसान हो गया है और ऐसे में सरकार से आश्वासन नहीं मदद की दरकार है ।शासन प्रशासन के द्वारा प्रभावितों को राहत और पुनर्वास की प्रक्रिया त्वरित गति से हो तथा सभी प्रकार के नुकसान की भरपाई एयर सभी लोगों को समुचित मुआवजा मिलना चाहिए।
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