नैनीताल। सोमवार को दो दिवसीय दीक्षारंभ कार्यक्रम का शुभारंभ डीएसबी परिसर, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल में किया गया है। कार्यक्रम में उपस्थित सभी विशिष्ट अतिथियों के द्वारा स्नातक वर्ग में नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन एवं मार्गदर्शन किया गया। कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दीवान सिंह रावत के द्वारा छात्र-छात्राओं को उत्तराखंड की भाषा और सांस्कृतिक परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए उत्साहित किया गया।एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने छात्र-छात्राओं को पढ़ाई में आगे बड़ने और साइबर क्राइम व किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहने को कहा।आगे पढ़ें……
असएअलअसए मेंबर सेक्रेटरी श्री प्रदीप कुमार मनी द्वारा छात्र-छात्राओं को कानून की महत्ता को समझने और कानून का उल्लंघन ना करने करने की सलाह दी गई। वन संरक्षक श्री टी आर बिजू लाल ने छात्र-छात्राओं से पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनने को कहा। एलुमनाई डी०आई०जी सीआरपीएफ श्री एस डी पांडे के द्वारा छात्र- छात्राओं को पढ़ाई की महत्ता को समझने और निरंतर प्रयासरत रहने के लिए प्रेरित किया गया। परिसर निदेशक प्रोफेसर नीति बोरा शर्मा ने सभी अतिथियों एवम छात्र छात्राओं का स्वागत किया। विशिष्ट अतिथियों को छात्र हर्षित कुमार द्वारा तैयार रेखाचित्र, परिजात का पौधा, और शॉल उड़ाकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही डी एस डब्लू प्रोफेसर संजय पंत ने छात्रों को उनके हित में परिसर द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से अवगत कराया। उन्हें एंटी रैगिंग के संदर्भ में यूजीसी के नियम से भी अवगत कराया गया। प्रॉक्टर, प्रोफेसर एच एस बिष्ट ने प्रॉक्टर के कार्यो एवम अनुशासन से संबंधित नियमो से छात्रों को अवगत कराया। परीक्षा नियंत्रक डॉ. महेन्द्र राणा के द्वारा एग्जाम संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी छात्रों को उपलब्ध कराई गई। डीन विजुअल आर्टस प्रो.एम एस मावरी, डीन एग्रीकल्चर प्रो जीत राम, आई सी सी संयोजक प्रो सी एस रावत , KUIIC निदेशक प्रो आशीष तिवारी, ANO लेफ्टीनेंट डॉक्टर रीतेश साह, इन सभी के द्वारा भी महत्वपूर्ण जानकारी छात्रों को प्रदान की गई। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रोफ़ेसर गीता तिवारी एवं प्रोफेसर ललित तिवारी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रोफेसर नीलू लुधियाना, प्रोफेसर सुषमा टम्टा, डॉक्टर लज्जा भट्ट, डॉ रीना सिंह, डॉक्टर अशोक कुमार, डॉ निधि वर्मा, डॉक्टर दीपिका पंत, डॉ सारिका वर्मा,डॉ ह्रदेश कुमार, डॉ ऋचा गिनवाल, डॉ सरोज, डॉक्टर आंचल, डॉ भूमिका प्रसाद, डॉ मनीषा संगुड़ी, डॉक्टर अलंकार महतोलिया, डॉक्टर संध्या यादव, आदि का योगदान रहा।