नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल में 30 मई 1826 को उदंत मार्तण्ड समाचार पत्र के प्रकाशन से शुरू हुई हिंदी पत्रकारिता की यात्रा आज 197 वर्षों की हो गई। इस अवसर पर जिला मुख्यालय स्थित नैनीताल क्लब में एनयूजेआई यानी नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स-इंडिया के तत्वावधान में गोष्ठी का आयोजन किया गया। अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष डॉ। नवीन जोशी ने कहा कि आज का दिन हिंदी पत्रकारिता के लिए आजादी के दिवस 15 अगस्त की तरह ही महत्वपूर्ण है। देश में हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत काफी कठिन रही। देश में 1557 में छापाखाना आने के बाद भी हिंदी के टाइप तैयार करने में ही 250 वर्ष से अधिक का समय लगा और हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत भी हिंदी पट्टी के बजाय सुदूर कोलकाता में हो पाई। हिंदी पत्रकारिता आजादी के संग्राम में बड़े अस्त्र के रूप में प्रयोग की गई और इसने देश को आजादी में दिलाने में भी बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने हिंदी माध्यम के समाचार पत्रों व चैनलों में अंग्रेजी के बढ़ते प्रभाव पर भी चिंता जताई। कार्यक्रम का संचालन करते हुए नगर अध्यक्ष अफजल हुसैन ‘फौजी’ ने कहा कि पत्रकार समाज को आईना दिखाने का कार्य करते हैं। हिमानी रौतेला ने पत्रकारों की सुरक्षा व संरक्षण एवं पेंशन आदि सुविधाओं की बात उठाई। इस दौरान जिला कोषाध्यक्ष शीतल तिवारी वरिष्ठ उपाध्यक्ष एसएम इमाम उपाध्यक्ष तेज नेगी सचिव संतोष बोरा सुरेश कांडपाल हिमाली रौतेला गुड्डू ठठोला दिव्यत शाह महिपाल बिष्ट सहित बड़ी संख्या में पत्रकार मौजूद रहे। संगोष्ठी के उपरांत लालकुआं के वरिष्ठ पत्रकार उमेश पंत को उनके असामयिक निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि भी दी गई।
हिंदी पत्रकारिता दिवस पर नैनीताल में पत्रकारों ने की गोष्टी
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