नैनीताल। फरवरी माह में भी दूर-दूर तक बारिश व बर्फवारी की अब कोई उम्मीद नजर नही आ रही है।रविवार को भी नगर में सुबह से ही चटक धूप खिल रही है।जिसके चलते अब ठंड का अहसास भी काफी कम हो चुका है।बर्फवारी नही होने के के चलते अब वीकेंड पर भी काफी कम से संख्या में पर्यटक नैनीताल पहूंच रहे है।जिसके चलते पर्यटन पर आधारित नाव चालक, टैक्सी चालक, फड़ व्यवसायियों सहित होटल कारोबारियों की आमदनी पर भी काफी फर्क पड़ा है। वही अगर इस बार बर्फबारी नहीं होती है तो प्राकृतिक जल स्रोत सूखने के कगार पर आ जाएंगे जिसके चलते गर्मियों में झील का स्तर भी काफी गिर सकता है,साथ ही पीने के पानी के लिए भी लोगों को जूझना पड़ सकता है।आगे पढ़ें
मौसम के जानकार रमेश चंद्रा का कहना है कि वाहनों की अत्यधिक वृद्धि से कार्बनिक कणों की मात्रा पर्वतीय क्षेत्रियों में बढ़ गई है। जिस कारण एक ओर दिन के तपमान में तेजी से वृद्धि हो रही है तो रात के तापमान में उतनी ही तेजी से गिरावट आ रही है। जिस कारण तापमान काफी हद तक अनियंत्रित हो चुका है। वही शीतकाल में सुखी ठंड में तापमान माइनस डिग्री तक पहुंच जाता है। जलवायुपरिवर्तन का असर फूलों और फलों पर भी पढ़ने लगा है पतझड़ जो पहले अक्टूबर में हो जाता था वहीं अब नवंबर दिसंबर में हो रहा है। यह सारे परिवर्तन बीते 10 वर्षों के अंतराल में देखने को मिला है। इतना ही नही, पिछले 100 साल के अंतराल में नैनीताल के औसत तापमान मे दस डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हुई है। जिसके चलते नैनीताल के मौसम में भारी अंतर आया है। यहां हिमपात के साथ बारिश मे भी गिरावट आई है। रविवार को नगर का तापमान अधिकतम 12 डिग्री सेल्सियस तो न्यूनतम 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।