उत्तराखण्ड

कागजों में आदर्श उत्तराखंड: रात में 6 घंटे प्रसव पीड़ा से कराहती पैदल सड़क तक पहुँची गर्भवती

सपनों का समृद्धि उत्तराखंड,कागजों में आदर्श उत्तराखंड,विकास की राह पर अग्रसर उत्तराखंड,मेरा गांव मेरी सड़क की राह पर चलता मेरा उत्तराखंड,और ना जाने कौन-कौन सी ऐसी सरकार की योजनाएं है, जो कि कागजों पर तो खूब दिखती है पर जमीन पर नहीं देख पाता मेरा उत्तराखंड

(आलोक पंडित)

देवभूमि उत्तराखंड में 22 साल बाद आज भी सैकङो गांव मूलभूत सुविधाओं सड़क,बिजली पानी व सवास्थ्य से कोसो दूर है। 

टिहरी जनपद जौनपुर विकासखंड गोठ गांव निवासी सोमवारी लाल की पत्नी अंजू देवी को 22 जून की रात प्रसव पीड़ा होने लगी तो पति ने आनन फानन में  डोली घोड़े खच्चर के इंतजाम करने लगा पर रात होने के चलते कुछ भी उपलब्ध नही हो पाया तो वह पत्नी के साथ टार्च के सहारे रात करीब 11 बजे घर से पैदल ही निकल पड़े और घने जंगलों के बीच पीड़ा से कराहती हुए पत्नी ढाई किमी का पैदल सफर तय कर सुबह को सड़क मार्ग तज पहुँची।

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