नैनीताल/ धारी पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में युवा पीढ़ी बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है जिसमें एक नाम है, हेमंत दानी, उत्तराखंड के पहाड़ी अंचल में बहुतायत में पाई जाने वाली बिच्छू घास (सिसूण) के पत्तों से उनके द्वारा हर्बल चाय बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है।
पर्यावरण प्रेमी व शिक्षक गौरीशंकर काण्डपाल ने बताया कि, हेमंत दानी प्रारंभ से ही पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करते रहे हैं। उनके द्वारा समय-समय पर पौधारोपण का कार्य किया जाता रहा है।जनपद नैनीताल के विकासखण्ड धारी के सुदूरवर्ती क्षेत्र कसानी के रहने वाले हेमंत दानी के द्वारा वर्ष 2017-18 में फलदार एवं छायादार पौधे लगाए गए थे, जो कि अब फल देने लगे हैं ।
गाजियाबाद स्थित गैर सरकारी संगठन होप फाउंडेशन के द्वारा वर्ष 2018 में उन्हें पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया जा चुका है।उनके द्वारा पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न सूक्ष्म परियोजनाओं पर विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं तथा स्थानीय युवाओं को भी पर्यावरण की मुहिम से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
धारी कसानी के हेमंत दानी बना रहे बिच्छू घास (सिसूण) से हर्बल चाय
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