धर्म-संस्कृति

कुमाउंनी संस्कृति को जीवंत करती पूजा के ऐपण वाली राखियों की बाजार में भारी मांग

नैनीताल/भीमताल। ओखलकांडा निवासी पूजा पडियार ऐपण कला के जरिए राज्य में ही नहीं बल्कि राज्य से बाहर भी अपनी पहचान बना चुकी है। हिंदू संस्कृति की पहचान ऐपण कला धीरे-धीरे चाइनीज उत्पादों के सामने अपनी पहचान धूमिल करने लगी थी, लेकिन पूजा पडियार के प्रयासों के बाद अब ऐपण कला को एक नई पहचान मिलने लगी है। उनके द्वारा पारंपरिक कुमाऊंनी टोपी, और दीवाली पर दियों में अपनी ऐपण कला उकेरी है, और अब रक्षा बंधन त्यौहार को लेकर बीते एक माह से उनके द्वारा ऐपण राखी बनाई जा रही है। और बाजार में उनकी भारी मांग भी शुरू हो चुकी है।

पूजा ने बताया कि उनके द्वारा पारंपरिक संस्कृति

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ऐपण कला को राखियों में उकेरा है,और बीते एक माह से उनकी राखियों की बाजार में भारी मांग है,साथ ही बाहरी राज्यो से भी उनको ऑनलाइन माध्यम से राखी के ऑडर मिल रहे है।

बता दे कि ऐपण के जरिये पहाड़ की संस्कृति का देश-दुनिया में प्रचार-प्रसार करने पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद रावत सहित मशहूर बॉलीवुड कलाकर रॉनित रॉय,कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत और जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल द्वारा उनकी कला की सराहना करते हुए उनको पुरुस्कृत किया गया है।

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