ज्योतिषाचार्य डॉ. मंजू जोशी ने बताया कि आज गुरुवार को हरियाली अमावस्या मनाई जा रही है। हिंदू धर्म में श्रावण माह में पड़ने वाली हरियाली अमावस्या का विशेष महत्व है। हरियाली अमावस्या पर महादेव एवं देवी पार्वती की विशेष पूजा का विधान है इसके अतिरिक्त हरियाली अमावस्या पर पितृ तर्पण करने से सभी कष्टों का नाश होता है।
श्रावण माह में प्रकृति अलौकिक सौंदर्य से अभिभूत होती है। मानव प्रकृति में रेशमी हरियाली चादर ओढ़ ली हो। पौराणिक काल से ही हिंदू धर्म में पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाता था इसीलिए हमारे ऋषि-मुनियों ने पर्यावरण को संरक्षित करने हेतु पेड़ पौधों में ईश्वरीय रूप को स्थान देकर उनकी पूजा-अर्चना का नियम बनाया। विशेषकर हरियाली तीज पर वृक्षारोपण करना विशेष लाभदायक माना जाता है।
हरियाली अमावस्या तिथि प्रारंभ 27 जुलाई 2022 दिन बुधवार रात्रि 9:13 मिनट से 28 जुलाई 2022 दिन गुरुवार रात्रि 11:26 मिनट तक।
हरियाली अमावस्या पर कुछ खास नियम करने से अनेक लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।
1–धार्मिक मान्यता अनुसार जिन दंपतियों को संतति प्राप्त करने में परेशानी हो रही है उन सभी को हरियाली तीज के उपलक्ष पर पीपल या बरगद का वृक्ष रोपण करना चाहिए।
2–हरियाली अमावस्या के अवसर पर जिन जातकों की कुंडली में पित्र दोष है उन्हें विशेष रूप से पितृ तर्पण करना चाहिए।
3–जिन जातकों की कुंडली में विष दोष (चंद्रमा शनि की युति) है उन्हें पीपल के वृक्ष पर कच्चा दूध अर्पित करना चाहिए एवं सरसों के तेल में उड़द वह काले तिल डालकर दीपक प्रज्वलित करना चाहिए।
4–जिन राशियों पर साढ़ेसाती का प्रभाव है उन सभी को हरियाली अमावस्या पर शनिदेव मंदिर में सरसों के तेल से चार मुखी दीपक प्रज्वलित करना चाहिए।
5–हरियाली अमावस्या पर भगवान शिव एवं देवी पार्वती की पूजा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. मंजू जोशी 8395806256