धर्म-संस्कृति

सुख समृद्धि का कारक माना जाता है गंगा दशहरा द्वार पत्र 

भुवन बिष्ट, रानीखेत (अल्मोड़ा), उत्तराखंड

देवभूमि उत्तराखंड अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्व विख्यात हैं वहीं यह देवों की तपोभूमि के नाम से भी जानी जाती है। पतित पावनी मां गंगा का उद्गम स्थल देवभूमि उत्तराखंड में ही है। गंगा दशहरा के पावन दिन देवभूमि उत्तराखंड के हर घर के मुख्य दरवाजे में गंगा दशहरा द्वार पत्र लगाने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। माना जाता है कि गंगा दशहरा द्वार पत्र घर के मुख्य दरवाजे,गेट ,अथवा मुख्य द्वार में लगाने से घर में नकारात्मकता शक्तियां प्रवेश नहीं कर सकती हैं। गंगा दशहरा द्वार पत्र को घर में लगाने से सदैव ही घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। इस द्वारपत्रों को लगाने से घर पर प्राकृतिक आपदाओं का भय नहीं होता है। गंगा दशहरा द्वार पत्र को सुख समृद्धि का कारक माना जाता है। गंगा दशहरा के दिन देवभूमि उत्तराखंड के हर घर में गंगा दशहरा द्वार पत्र विधि विधान के साथ लगाया जाता है। कुल पुरोहित गंगा दशहरा द्वार पत्र पहले ही हर घर तक पहुंचा देते हैं जिससे कि गंगा दशहरा द्वार पत्र गंगा दशहरा के दिन हर कोई अपने अपने घरों में लगा सके।और सभी के घरों में सुख समृद्धि का वास हो। गंगा दशहरा ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन पतित पावन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। इस दिन विधि-विधान से मां गंगा की पूजा और आरती भी की जाती है। इस दिन घर में मुख्य दरवाजे पर द्वार पत्र लगाने की परंपरा पौराणिक है यह देवभूमि उत्तराखंड में बहुत प्रचलित है। घर के मुख्य दरवाजे पर द्वार पत्र लगाने को शुभ माना जाता है। गंगा दशहरा द्वार पत्र वर्गाकार कागज के टुकड़े पर वृताकार आकार में बने होते हैं ।ये अलग अलग डिजाइन में बने होते हैं। कमल की पंखुड़ियों के समान और मध्य में भगवान श्री गणेश, मां गंगा, मां लक्ष्मी, श्री हनुमान और भगवान शंकर के चित्र गंगा दशहरा द्वार पत्र में बने होते हैं। पूर्व में कुल पुरोहितों द्वारा गंगा दशहरा द्वार पत्र घर पर ही स्वंय तैयार किये जाते थे किन्तु अब मशीन से ही तैयार किये जाते हैं। देवभूमि उत्तराखंड में गंगा दशहरा के पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन सुबह स्नान के बाद मां गंगा का स्मरण करके घर के मुख्य द्वार पर गंगा दशहरा द्वार पत्र लगाया जाता है।गंगा दशहरा पर गंगा दशहरा द्वार पत्र प्रदान करने के लिए कुलपुरोहितों को भेंट भी प्रदान की जाती है। देवभूमि उत्तराखंड में गंगा दशहरा धूमधाम से मनाया जाता है तथा सुख समृद्धि के कारक गंगा दशहरा द्वार पत्र को हर घर के मुख्य द्वार में लगाया जाता है।

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