धर्म-संस्कृति

शुक्रवार ज्येष्ठ पूर्णिमा पर्व लक्ष्मी पूजन से दरिद्रता का होता है नाश: ज्योतिषाचार्य डॉ.मंजू जोशी

आज शुक्रवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा का उपवास रखा जाएगा। एवं स्नान दान हेतु महाज्येष्ठी पूर्णिमा पर्व 22 जून 2024 दिन शनिवार को रहेगा। ज्येष्ठ पूर्णिमा पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा अर्चना का विधान है। इस दिन चंद्र पूजा और उपवास करने से चंद्रमा मजबूत होता है और मानसिक और आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं । पूर्णिमा तिथि पर उपवास रखकर विधिवत विष्णु जी का पूजन करने और चंद्रमा को अर्घ्य देने से आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है यह तिथि मां लक्ष्मी को भी अत्यंत प्रिय होती है, इसलिए इस दिन श्री हरि के साथ लक्ष्मी पूजन करने से दरिद्रता का नाश होता है। शुभ मुहूर्तपूर्णिमा तिथि प्रारंभ 21 जून 2024 प्रातः 7:33 से 22 जून 2024 प्रातः 6:39 तक।आगे पढ़ें…..

ज्येष्ठ पूर्णिमा पूजा विधिज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष  महत्व माना गया है। यदि आप नदी में स्नान ना कर पाएं तो घर पर ही गंगाजल से स्नान कर सकते है। स्नान करने के उपरांत सूर्य देव को ऊं भास्कराय नम: मंत्र के साथ जल अर्पित करें। उपवास का संकल्प लें। भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को गंगाजल से स्नान कराने के बाद पीतांबर वस्त्र, रोली, कुमकुम, अक्षत, पीले फूल अर्पित करें। भगवान विष्णु को भोग लगाएं घी के दीपक से आरती करें व सत्य नारायण की कथा का पाठ करे। व रात्रि में चंद्रमा को चांदी या स्टील के बर्तन से जल अर्पित करें व विधि विधान से चंद्र देव की पूजा करें। चंद्रोदय के समय चन्द्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर “ॐ श्रां श्रीं श्रों स: चन्द्रमसे नम:” या ” ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:. का 28 बार जाप करने से लाभ होगा।पूर्णिमा का दान जिन जातकों का चंद्रमा कमजोर स्थिति में हो उन सभी जातकों को ज्येष्ठ पूर्णिमा के पर सफेद वस्तुओं का दान करना चाहिए सफ़ेद वस्त्र, चावल, चीनी, दही,दूध, मोती आदि डॉ.मंजू जोशी ज्योतिषाचार्य

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