
अल्मोड़ा।अगर हौसलों में उड़ान हो तो पंख की जरूरत नहीं पड़ती देवभूमि में महिलाएं भी पुरुषों से किसी भी क्षेत्र में कम नही है।यहां की महिलाएं किसी भी समस्या का सामना करना जानती है।जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है।अल्मोड़ा की ममता जोशी।जब अचानक उनके पति का स्वास्थ्य खराब हुआ तो पूरी जिम्मेदार ममता पर आ गई। परिवार का पालन करने के लिए ममता ने टैक्सी चलाना शुरू कर दिया।और अपने पति सहित पूरे परिवार का भार खुद संभालने लगी।उनके इस हौसले की लोगो ने खूब तारीफ की।रेखा पांडे के बाद वे देवभूमि की दूसरी महिला टैक्सी चालक बन गयी है।
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