कुमाऊँ

नैनीताल में मूसलाधार बारिश झील के लिए बरदान तो ओलावृष्टि काश्तकारों के लिए बनी अभिशाप

नैनीताल। सरोवर नगरी में शुक्रवार मौसम ने करवट बदली और मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। जबरदस्त ओलावृष्टि भी हुई जिससे सड़कों और घरों की छत पर सफेद ओलों की चादर बिछ गई, इस दौरान बारिश से पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को फजीहत उठानी पड़ी। वही मूसलाधार बारिश जहां एक और नैनी झील के लिए वरदान साबित हुई तथा प्राकृतिक जल स्रोत भी पुनर्जीवित हुए वही धारी,रामगढ़,ओखलकांडा, बेतालघाट,पंगुट सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भारी ओलावृष्टि से काश्तकारों की आलू,मटर,प्याज,टमाटर  सहित अन्य फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, जिससे अब काश्तकारों की चिंताएं बढ़ने लगी है।आगे पढ़े….

शुक्रवार को सुबह मौसम साफ रहा लेकिन दोपहर 12 बजे अचानक मौसम ने करवट बदली और मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। करीब 3 घंटे तक बारिश का दौर जारी रहा। इस दौरान तेज ओलावृष्टि भी हुई मूसलाधार बारिश होने से जगह-जगह यातायात बाधित हो गया और पर्यटकों को बारिश से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों की शरण लेनी पड़ी। बारिश होने से तापमान में गिरावट भी दर्ज की गई है, अधिकतम तापमान 15 डिग्री और न्यूनतम तापमान 6 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं बारिश होने से नैनी झील के कम होते जलस्तर को  में भी इजाफा हो गया। मालूम हो कि नैनी झील का जलस्तर मार्च माह में 5 फीट से कम चला गया था, लेकिन शुक्रवार को बारिश अच्छी होने से इसमें इजाफा हो गया है।

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ओलावृष्टि से काश्तकारों की आलू की फसल हुई बर्बाद
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