कुमाऊँ

मूसलाधार बारिश झील के लिए बरदान तो ओलावृष्टि काश्तकारों के लिए बनी अभिशाप

नैनीताल। सरोवर नगरी में बीते शुक्रवार से मौसम ने करवट बदली और तीन दिनों से लगातार मूसलाधार बारिश का दौर जारी है,साथ ही जबरदस्त ओलावृष्टि भी हो रही है,वही रविवार को भी सुबह से झमाझम बारिश होती रही जिससे पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को फजीहत उठानी पड़ी। वही मूसलाधार बारिश जहां एक और नैनी झील के लिए वरदान साबित हुई तथा प्राकृतिक जल स्रोत भी पुनर्जीवित हुए वही धारी,रामगढ़,ओखलकांडा, बेतालघाट,पंगुट सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भारी ओलावृष्टि से काश्तकारों की आलू,मटर,प्याज,टमाटर सहित अन्य फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, जिससे अब काश्तकारों की चिंताएं बढ़ने लगी है। वही लगातार बारिश होने से तापमान में गिरावट भी दर्ज की गई है,अधिकतम तापमान 14 डिग्री और न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं बारिश होने से नैनी झील के कम होते जलस्तर को में भी इजाफा हो गया। आगे पढ़े

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पंगुट बग्गड़ निवासी काश्तकार तेजपाल। बारिश गेंहू की फसल के लिए काफी लाभदायक रही तो वही ओलावृष्टि से आलू मटर व प्याज को काफी नुकसान हुआ है।तो वही पुलम आड़ू आदि फलों को भी ओलावृष्टि ने नष्ट कर दिया है जिसके चलते अब काश्तकारो को नुकसान उठाना पड़ सकता है। आगे पढ़े

पंगुट बग्गड़ निवासी काश्तकार तेजपाल। बारिश गेंहू की फसल के लिए काफी लाभदायक रही तो वही ओलावृष्टि से आलू मटर व प्याज को काफी नुकसान हुआ है।तो वही पुलम आड़ू आदि फलों को भी ओलावृष्टि ने नष्ट कर दिया है जिसके चलते अब काश्तकारो को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

पंगुट बग्गड़ निवासी काश्तकार डुंगरलाल।आजीविका का एकमात्र साधन कृषि पर आधारित स्थानीय काश्तकारो को अब मार्च के माह में हुई बारिश के चलते जहां गेंहू की फसल की पैदावार काफी अच्छी होने की उम्मीद है तो वही ओलावृष्टि से काश्तकारो की मटर व आलू की फसल काफी हद तक बर्बाद हो चुकी है।

पंगुट बग्गड़ निवासी काश्तकार डुंगरलाल।आजीविका का एकमात्र साधन कृषि पर आधारित स्थानीय काश्तकारो को अब मार्च के माह में हुई बारिश के चलते जहां गेंहू की फसल की पैदावार काफी अच्छी होने की उम्मीद है तो वही ओलावृष्टि से काश्तकारो की मटर व आलू की फसल काफी हद तक बर्बाद हो चुकी है।
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