धर्म-संस्कृति

भुवन बिष्ट की रचना “जय देवभूमि”

जय बदरी जय केदारा, 

चार धामों की जय जयकारा।

        जय यमुनोत्री जय गंगोत्री, 

        पावन गंगा जय हरिद्वारा। 

ऋषिकेश छौ तपोभूमि, 

मनसा देवी पार कैं धारा। 

      जय बदरी जय केदारा, 

      चार धामों की जय जयकारा।

घोड़ाखाल गोलज्यू दरबारा,

नैनीताल में नैना देवी।

      चितई देवा गोलू महाराजा, 

      अल्माडै माता नंदा देवी। 

झांकर सैम सैमज्यू देवा, 

शंभू नगरी जागेश्वरा। 

       जय बदरी जय केदारा, 

       चार धामों की जय जयकारा।

हाट कालिका गंगोलिहाटा, 

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चंपावत गोलज्यू कै साथा। 

        बागस्यारा में बागनाथा,

        उपट देवी गर्जिया माता।

 दूनगिरी में दूनिगिरी माता,

राणिखेत में झूलादेवी माता।  

       दयाप्तों की छौ देवभूमि, 

       हैरै तुमरिं जय जयकारा। 

जय बदरी जय केदारा, 

चार धामों की जय जयकारा।

              रचनाकार -भुवन बिष्ट 

               मौना (रानीखेत) 

                  उत्तराखंड 

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