अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ 9742 के उत्तराखंड शाखा प्रभारी विशाल बिरला ने बताया कि
नैनीताल बैंक में वर्षो से कार्यरत दैनिक सफाई मजदूर, पार्ट टाइम सफाई कर्मचारी निरंतर अपनी सेवाएँ निष्ठा पूर्वक दे रहे हैं। वही नैनीताल बेंक के मेनेजमेंट ने मिलीभगत कर मात्र तीन माह तक सेवाएँ देने वाले डेली वेजर को चपरासी कम सफाई कर्मचारी पद पर नियम विरुद्ध नियुक्त कर दिया गया है जिसके कारण तीस तीस वर्षो से पार्ट टाइम में कार्यरत सफाई कर्मियों के फुल टाइम होने अथवा स्थाई होने के रस्ते बंद हो गए हैं।
उन्होंने बताया कि सफाई कर्मियों को पूरा शक है की नैनीताल बैंक,मेनेजमेंट व बैंक की असोसिएसन द्वारा प्रतिदिन वाउचर पर नकद भुगतान पाने वाले तीन माह से कम अवधि में कार्य करने वाले कर्मियों को अनैतिक लालच में स्थाई किया गया है इस किये गए विश्वाश्घात के कारण सफाई कर्मियों में रोष है।बैंक एशोसिएशन के धोखा देने पर नैनीताल बैंक के सफाई कर्मियों ने अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ से सहायता मांगी हैं। जिसको लेकर कई बार बैंक प्रवंधन से वार्ता की जा चुकी है जिसपर प्रवंधन द्वारा
सभी पार्ट टाइम (1/3, 1/2 , ¾ ) सफाई कर्मचारियों को जिन्हें कम से कम तीन वर्ष हो गए है | उनका एलिवैसन करते हुए फुल टाइम कैडर किया जायेगा। डेली वेजेस व अन्य सफाई कर्मी जिन्हें तीन वर्ष से कम हुए है, उनका ¾ या ½ टाइम में उन्नयन (एलिवैसन) कराएँगे। तीन वर्ष से कम अनुभव अवधि के सफाई कर्मियों (डेली वेजेस/ टेम्परेरी सफाई कर्मी/ पार्ट टाइम सफाई कर्मी / अन्य सफाई कर्मी) हेतु ऐलीवेसन पालिसी बनायेंगे। जिससे सफाई कर्मी तीन वर्ष की कार्य अवधि अनुभव के आधार पर फुल टाइम हो जाये। पढ़े लिखे सफाई कर्मियों को सीधे चपरासी पदों पर चपरासियों के पदों की कुल पोस्ट के 25 फीसदी पदों पर नियमतिकरण कराने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन प्रवंधन द्वारा उनको धोखा दिया है,जिसको लेकर 20 जून को नैनीताल बैंक मुख्यालय में धरना प्रदर्शन कर बैंक का घेराव किया जाएगा।
परन्तु लगातार अपने झूठे वायदों से एक माह तक बैंक मेनेजमेंट व एसोसिएसन ने धोखा दिया हैं।इसी कारण से सफाई कर्मियों ने आन्दोलन का संकल्प लिया है व नैनीताल बैंक की सभी शाखाओं में सोमवार दिनांक:20/06/2020 को सफाई कार्य बंद रखते हुए मुख्यालय/ रीजनल कार्यालयों पर दोपहर 2:00 बजे निम्न दोषी अधिकारीयों की शवयात्रा निकालते हुए समस्त सफाई संघठनो व दलित वर्ग के संघठनो के साथ पैदल मार्च निकालकर आन्दोलन का बिगुल फूंक दिया