धर्म-संस्कृति

वसन्त ऋतु (फूलदेई) चैत्र मास का प्रारम्भ

कुमाऊं विश्वविद्यालय डीएसबी परिसर के प्रोफेसर ललित तिवारी की कलम से


आज से चैत्र मास का प्रारम्भ हो रहा है, रात्रि ११/४० बजे भगवान भास्कर मीन राशि में प्रवेश करेंगे, आज की संक्रान्ति का पुण्य काल मध्याह्न के बाद से कल तक रहेगा, हो सकता है कि कुछ मनीषी कल संक्रान्ति कह सकते हैं, पर ऐसा नहीं है। आज ही संक्रमण काल है अतः आज से ही चैत्र मास प्रारम्भ हो जाएगा। उत्तराखंड देवभूमि में जन-मानस का फूलों के प्रति प्रेम का सबसे बड़ा प्रमाण इस महीने के देहरी पूजन से मिलता है। अलग-अलग लोकाचार के कारण कहीं पूरे महीने, तो कहीं पन्द्रह दिन तो कहीं एक सप्ताह छोटी-छोटी बच्चियों के द्वारा देहरी पूजन फूलों से किया जाता है, कहीं कहीं बालक व बालिकाओं के द्वारा देहरी पूजन होता है, अलग अलग प्रचलित लोकाचार से समूचे उत्तराखंड में इस पर्व को मनाया जाता है। बालक बालिकाओं का समूह जंगलों से फ्यूली, बुरांश, शिलपाड़ा और अन्य अनेक प्रकार के फूलों को चुन चुन कर गांव भर की देहलीज की पूजा कर फूल चढ़ाते हैं और घर द्वार के सम्पन्न, घर भण्डार की पूर्णता की कामना परक गीत गाते हैं, इसके बदले बालक बालिकाओं को तिल, गुड़, पापड़ी और पैसों का उपहार दिया जाता है। फूलों के प्रति हमारा प्यार और दुलार अत्यधिक है इस देहरी पूजन से तृप्त होते हैं। हमारे ऋषि- महर्षियों ने जीवन को आनन्द पूर्वक जीने के अनेक तरीके समझाने के लिए बहुत विचार पूर्वक पर्वो का निश्चय किया है। कौन सा महीना ऐसा है जिसमें कोई उत्सव नहीं मनाया जाता है ।

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