नैनीताल/भवाली। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी रविवार 15 जून को बाबा नीम करौली महाराज के धाम कैंची मंदिर का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया।सुबह चार बजे से लोग लंबी कतारों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर बाबा नीम करौली महाराज के दर्शन कर बाबा के पसंदीदा मालपुए का प्रसाद ग्रहण किया।वही पुलिस व जिला प्रशासन ने भक्तों की सुविधा को देखते हुए इस बार हल्द्वानी, भवाली व भीमताल से मंदिर तक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया था।और शटल के माध्यम से लोगो को कैंची तक पहुँचाया गया।सुरक्षा के मद्देनजर भी भवाली से कैंची तक जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात थे।और मंदिर परिसर में ड्रोन की मदद से निगरानी की जा रही थी।आगे पढ़ें नेपाल सिक्किम से भी पहुंचे श्रद्धालु, कहा मन्नत मांगी थी पूरी हुई तो आना पड़ा….



नेपाल सिक्किम से भी पहुंचे श्रद्धालु, कहा मन्नत मांगी थी पूरी हुई तो आना पड़ा।नैनीताल। 15 जून को कैंची धाम में देश विदेश से पहुंचे पर्यटकों ने बाबा के दर्शन कर प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान सिक्किम से पहुंची। मन्ना क्षेत्री ने बताया कि उसके पति की बहुत तबियत खराब थी। जब सभी डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था। तब उसने बाबा को याद कर मन्नत मांगी थी कि बाबा उसके पति को बचा ले। जिसके बाद अचानक उसके पति की तबियत ठीक हो गई। इसलिए वह आज कैंची बाबा के दर्शन को आई हैं। वहीं नेपाल की शारदा चंद्र ने बताया कि बाबा के प्रति उनके पूरे परिवार की आस्था है। उन्होंने बाबा के चमत्कार के बारे में सुना था। इसलिए वह अपने जन्मदिन के दिन ही कैंची धाम पहुंची हैं।आगे पढ़ें श्रद्धालुओं को मिला बाबा के पसंदीदा मालपुए का प्रसाद……


श्रद्धालुओं को मिला बाबा के पसंदीदा मालपुए का प्रसाद।बाबा नीम करौली महाराज को मालपुए बहुत पसंद थे।कहा जाता है कि एक बार मंदिर में मालपुए बनाए जा रहे थे। तभी घी कम पड़ गया।जब भक्तों ने ये बात बाबा को बताई तो बाबा ने कहा मंदिर के पास से गुजरने वाली शिप्रा नदी से घी के खाली कनस्तर में पानी भर कर लाने को कहा और घी की जगह उसको कड़ाई में डालने को कहा।और भक्तों ने ऐसा ही किया जैसे ही पानी कड़ाई में डाला गया तो उसने घी का आकार ले लिया।और जब घी आ गया तो बाबा ने उस घी को नदी में डालने को कहा तब से भक्तों को बाबा के प्रसाद में मालपुए दिए जाने लगे।15 जून कैंची मेले से तीन दिन पूर्व मालपुए बनने शुरू हो जाते है।















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