रुद्रप्रयाग जनपद के तिलणी निवासी कामाक्षी रावत परिजनों की किसी बात से नाराज होकर 9 जुलाई को अपने घर से गायब हो गयी थी।जिसकी परिजन व पुलिस लगातार तलाश कर रही थी लेकिन 17 दिन बाद कामाक्षी का शव श्रीनगर डेम में मिला।पुलिस ने शव के बारे में परिजनों को बताया तो परिजनों की आखिरी उम्मीद भी धूमिल हो गयी और तब से पूरे परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है।अब एक सवाल फिर से सोचने पर मजबूर कर रहा है कि आखिर युवा पीढ़ी की सहनशीलता खत्म हो रही है।छोटी छोटी बातों पर ऐसे कदम उठाए जा रहे है।इस पर समाज को गहरा मंथन करना होगा।आगे पढ़ें पूरी कहानी….

बता दें कि रुद्रप्रयाग जनपद के तिलनी-सुमेरपुर निवासी 14 वर्षीय कामाक्षी रावत पुत्री महेन्द्र सिंह रावत बीते नौ जुलाई को पिता की डांट से नाराज होकर घर में बिना बताए कहीं चली गई। जिसके बाद परिजनों ने कोतवाली रुद्रप्रयाग में गुमशुदगी दर्ज करवाई। शनिवार को एक शव श्रीनगर डैम में अलकनंदा नदी में तैरता हुआ दिखाई दिया, जिसकी सूचना पर पुलिस और एसडीआरएफ टीम मौके पर पहुंची और शव को नदी से बाहर निकाला। शव की शिनाख्त को कामाक्षी के परिजनों को बुलाया गया। प्रभारी कोतवाली निरीक्षक मनोज नेगी ने बताया कि बालिका का शव श्रीनगर डैम से बरामद किया गया। परिजनों ने शव की शिनाख्त की। कार्तिनगर पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम की कार्यवाही की, जिसके बाद शव को परिजनों के सुपुर्द किया गया। घटना के बाद से जिले में शोक की लहर दौड़ गई है, जबकि परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
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