नैनीताल। कुमाऊं में कुमाऊं विवि, अल्मोड़ा विवि के मुख्य परिसर समेत तमाम डिग्री कॉलेजों में छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अधिकृत प्रत्याशियों की करारी हार के बाद संगठन की कार्यप्रणाली पर पुराने कार्यकर्ताओं ने गंभीर सवाल उठाए हैं। साथ ही कहा है कि यदि पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई तो परिणाम का यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। आगे पढ़ें
अभाविप के प्रदेश सह संयोजक रहे निखिल बिष्ट ने साफ कहा कि गलत टिकट वितरण, पुराने, वैचारिक व निष्ठावान कार्यकर्ताओं की उपेक्षा, प्रत्याशी चयन में रायशुमारी नहीं करने को इस तरह के परिणाम की वजह बताया है। उन्होंने कहा कि संगठन के राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम व अन्य वैचारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल कार्यकर्ताओं को टिकट देना तो दूर उनकी राय तक नहीं ली गई। नैनीताल डीएसबी में संगठन घोषित प्रत्याशी के तीसरे नंबर पर आने, बेतालघाट , अल्मोड़ा में करारी हार के लिए भी इसी वजह को जिम्मेदार ठहराया। निखिल ने कहा कि नेतृत्व को गंभीर चिंतन करना चाहिए कि ऐसी परिस्थितियां क्यों आ गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश संगठन मंत्री ने प्रत्याशी चयन से पहले किसी पुराने लोगों से राय तक क्यों नहीं ली गई ? चुनाव की रणनीति क्यों नहीं बनाई गई? जिस संगठन को एक एक कार्यकर्ता जोड़कर, घर परिवार की जिम्मेदारी को दरकिनार कर शिखर तक पहुंचाया, आज ऐसे दिन देखने पड़ेंगे, कभी विचार तक नहीं आया।
पुराने लोगों की उपेक्षा व कार्यकर्ताओं की रायशुमारी नहीं करने से हुई एबीवीपी संगठन की दुर्दशा:निखिल बिष्ट
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