नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा है कि उत्तराखंड की जनता ने भाजपा के 5 सांसद ,47 विधायक जिताकर भेजे है ।केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार है। भाजपा के कितने विधायकों या सांसदों ने जोशीमठ को बचाने की आवाज़ उठायी
धार्मिक, पौराणिक और एतिहासिक शहर होने के साथ ही यह इलाका सामरिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। यहां से भारत-तिब्बत सीमा महज 100 किलोमीटर दूर है। हेमकुंड साहिब, औली, फूलों की घाटी आदि स्थानों पर जाने के लिए यात्रियों को इसी जोशीमठ से होकर गुजरना पड़ता है।
स्थानीय लोग पिछले 14 महीनों से अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया गया। अब जब स्थिति हाथ से निकल रही है तो चीजों का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों की टीम भेज रहे हैं। अगर सरकार समस्या से वाकिफ थी तो उसने इसके समाधान के लिए एक साल से अधिक समय तक कोई कदम क्यों नहीं उठाया। यह क्या दर्शाता है?
जोशीमठ के अस्तित्व पर तब तक खतरा बरकरार रहेगा, जब तक इन परियोजनाओं को स्थायी रूप से बंद नहीं कर दिया जाता।
यशपाल आर्य ने आशंका जताई कि इस मामले में जो भी सरकारी जांच कमेटियां बनेंगी, वे एनटीपीसी और हेलंग बाइपास प्रोजेक्ट को क्लीन चिट दे देंगी और इस आपदा के लिए स्थानीय लोगों द्वारा किए गए निर्माणों को दोषी ठहरा दिया जाएगा।