उत्तराखण्ड में पर्यटन- तीर्थाटन को बढ़ावा देने हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के प्रयास रंग लाने लगे हैं, बीते तीन साल में उत्तराखण्ड में 23 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंच चुके हैं। इससे होम स्टे, होटल, ढाबा संचालकों, महिला स्वयं सहायता समूहों से लेकर परिवहन कारोबारियों तक की आजीविका को सहारा मिला है। प्रदेश सरकार के प्रयासों से उत्तराखण्ड में पर्यटन- तीर्थाटन लगातार बढ़ रहा है। पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक उत्तराखण्ड में बीते तीन साल में 23 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंच चुके हैं। खास बात यह है कि उत्तराखण्ड का पर्यटन अब बहुआयामी हो चला है, पर्यटक बड़े शहरों और चुनिंदा हिल स्टेशन तक ही सीमित नहीं बल्कि दूर दराज के छोटे-छोटे पर्यटक स्थलों तक भी पहुंच रहे हैं। इसी के साथ राफ्टिंग, ट्रैकिंग, बंजी जम्पिंग, पर्वतारोहण जैसी साहसिक गतिविधियों में भी देश ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटकों की भी भागीदारी बढ़ी है। इससे पर्यटन का लाभ प्रदेश के लाखों लोगों तक प्रत्यक्ष तौर पर पहुंच रहा है, इसमें होटल, रेस्टोरेंट, होमस्टे संचालक, परिवहन कारोबारी, महिला स्वयं सहायता समूह शामिल हैं। प्रदेश में इस समय छह हजार से अधिक होम स्टे संचालक सीधे तौर पर बढ़ी हुई पर्यटन गतिविधियों के लाभार्थी बनकर उभरे हैं।आगे पढ़ें क्या कहा सीएम धामी ने……

प्रदेश में तीर्थाटन गतिविधियां भी काफी बढ़ी है। इस वर्ष अब तक चार धाम यात्रा में ही तीर्थयात्रियों की संख्या 50 लाख को छू रही है। केदारनाथ, यमुनोत्री पैदल मार्ग पर इस साल 4300 से अधिक घोड़े – खच्चर संचालकों ने अपनी सेवाएं दी। प्रदेश सरकार अब शीतकालीन यात्रा को भी बढ़ावा दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आदि कैलाश यात्रा से भी पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्र में तीथार्टन, पर्यटन तेजी से बढ़ा है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि पयर्टन उत्तराखण्ड की आर्थिकी का आधार है। पर्यटन- तीर्थाटन का लाभ सीधे तौर पर स्थानीय लोगों को मिलता है। इसलिए सरकार वर्ष भर पर्यटन – तीर्थाटन गतिविधियों को जारी रखने का प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दौरों से उत्तराखण्ड में तीर्थाटन- पर्यटन को बल मिला है।
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