उपाकर्म जनेऊ, रक्षा धारण करने का शुभ मुहूर्त।19 अगस्त को कुछ विशेष शुभ योग का निर्माण हो रहा है जो कि रक्षाबंधन पर्व को और भी विशेष बनाते हैं– सर्वार्थ सिद्धि, शोभन योग, रवि योग तथा सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। तथा शिव का अति प्रियवर सोमवार भी पढ़ रहा है।19 अगस्त 2024 अपराह्न 1:33 से श्रावणी उपाकर्म, रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त प्रारम्भ होगा तथा संपूर्ण दिन श्रावणी उपाकर्म, रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा। प्रथम रक्षा सूत्र भगवान श्री कृष्ण को बांधकर संपूर्ण दिवस भाई बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व को मनाएं।आगे पढ़ें राख़ी पर्व मनाने का कारण……
राखी पर्व मनाने का कारण।भविष्य पुराण के अनुसार प्राचीन काल की बात है जब बारह वर्षों तक देवासुर संग्राम होता रहा, देव और दैत्यों के मध्य युद्ध चल रहा था और देवता गण पराजित हो रहे थे। दुःखी और पराजित इन्द्र, गुरु बृहस्पति के पास गए। उस समय वहां इन्द्र देव की भार्या शुचि उपस्थित थी। इन्द्र की व्यथा जानकर इन्द्राणी ने कहा, “हे स्वामी! कल ब्राह्मण शुक्ल पूर्णिमा है। मै विधानपूर्वक रक्षासूत्र तैयार करूंगी, उसे आप स्वस्तिवाचन पूर्वक ब्राह्मणों से बंधवा लीजिएगा। आप अवश्य ही विजयी होंगे। “दूसरे दिन इन्द्र ने इन्द्राणी द्वारा बनाए रक्षाविधान का स्वस्तिवाचन पूर्वक बृहस्पति से रक्षाबंधन कराया, जिसके प्रभाव से इन्द्र सहित देवताओं की विजय हुई। उसी दिन से श्रावण पूर्णिमा के दिन यह धागा बाँधने की प्रथा चली आ रही है। यह धागा धन, शक्ति, आरोग्य, हर्ष और विजय देने में समर्थ माना जाता है।आगे पढ़ें रक्षा मंत्र व दिशा….
रक्षा मंत्र व दिशा।रक्षा धागा बांधते समय ध्यान रखें भाई को पूर्व दिशा की ओर बिठाएं। तदोपरांत भाई के माथे पर तिलक लगाकर। पांच घी के दीपक जलाकर आरती करें तथा ईश्वर से भाई के सुख एवं दीर्घ जीवन हेतु प्रार्थना करें। दाहिने हाथ पर रक्षा सूत्र (कलावा) बांधे व इस मंत्र का पाठ करें -:येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।तेन त्वां अभिबन्धामि रक्षे मा चल मा चल।।ज्योतिषाचार्य डॉ मंजू जोशी 8395806256