नैनीताल। गुरुवार को ठंडी सड़क पाषाण देवी मंदिर के समीप राजभवन का 126वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया इस दौरान प्रो अजय रावत व व डॉ गिरीश रंजन तिवारी ने कार्यक्रम में मौजूद भारतीय शहीद विद्यालय के छात्रों व अन्य लोगो को राजभवन के इतिहास के बारे में जानकारी दी तथा राजभवन के स्थापना दिवस मनाने की शुरुवात करने वाले स्व दीपक बिष्ट की पत्नी शालिनी बिष्ट द्वारा केक काटा गया।आगे पढ़ें….
गुरुवार को समाजसेवी व तल्लीताल व्यापार मंडल के अध्यक्ष मारुति नंदन साह के सौजन्य से राजभवन का 126 वां स्थापना दिवस मनाया गया जिसमें बतौर मुख्य अतिथि इतिहासकार प्रोफेसर अजय रावत व डीएसबी परिसर पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ गिरीश रंजन तिवारी द्वारा मौजूद लोगों को राजभवन के इतिहास के बारे में जानकारी दी।
1841 में हुआ था नैनीताल का नगरीकरण:इतिहासकार प्रो.अजय रावत….प्रो.अजय रावत ने बताया कि 1841 में नैनीताल का नगरीकरण होना शुरू हुआ था जिसके बाद 1856 तक नैनीताल में यात्रियों ने आना शुरू कर दिया था। ब्रिटिश काल के दौरान नैनीताल में सबसे पहले स्टोनले कंपाउंड में राजभवन हुवा करता था।जिसके बाद कुल पांच अलग-अलग स्थानों के बाद 1897 के दौरान गौथिक शैली में राजभवन की नींव रखी गयी थी।आगे पढ़ें…..
बता दे कि राजभवन गोथिक भवन निर्माण शिल्प के आधार पर यूरोपियन शैली में निर्मित है,पूरे निर्माण कार्य में स्थानीय पत्थरों का प्रयोग करके इस इमारत को बनाया गया है। राजभवन परिसर के चारों ओर 160 एकड़ में बना जंगल है। जबकि 1975 में 75 एकड़ क्षेत्रफल में गोल्फ मैदान बनाया गया में राजभवन की सुंदरता को देखते हुए आम लोगों के लिए भी खोल दिया गया यह भवन 1900 में बनकर तैयार हुआ मुंबई में बने ऐतिहासिक छत्रपति शिवाजी टर्मिनल की डिजाइन करने वाले चर्चित डिजाइनर फैब्रिक विलियन स्टीवन नहीं नैनीताल राजभवन का डिजाइन तैयार किया था 115 कमरों का दो मंजिला भवन है। राजभवन में 45 एकड़ क्षेत्रफल में फैला अपना एक गोल प्रोसेस गोल्फ कोर्स 1936 में बनाया गया था भारत के प्राचीनतम गोल्फ कोर्स में नैनीताल राज भवन का गोल कोर्स भी शामिल होता है पर्यटक यहां ज्यादा से ज्यादा आता है क्योंकि उन्हें गोल्फ ग्राउंड में खेलने को मिलता है।कार्यक्रम का संचालन हेमंत बिष्ट ने किया इस दौरान सुनील बोरा,डॉ.नीलम जोशी मौजूद रहे।